जनमत हिन्दी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का एक ही उद्देश्य है भारत माता की जय, अपने भारत की विश्व में जय-जय कार होनी चाहिए, विश्व में अग्रणी स्थान मिलना चाहिए, यह किसी प्रतिस्पर्धा के लिए नहीं है, यह अपने सत्य और योगदान के लिए है और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भूमिका भारत को विश्व के योगदान के लिए तैयार करना है। हमारे कार्य पद्धतिके दो प्रमुख भाग हैं पहला भाग है संस्कारित मनुष्य तैयार करना और दूसरा है उन संस्कारित मनुष्यों को सामाज हित के कार्यों में लगाना। ये बातें बरही नगर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के एकत्रीकरण में सतना विभाग कार्यवाह अमित कनकने ने मुख्यवक्ता के रूप में कहीं। उन्होने कहा कि संघ स्थापना विजयादशमी में हुई। विजयादशमी का पौराणिक महत्व है। सतयुग, द्वापर, त्रेता और कलियुग चारों युगों की कहानी के माध्यम से बताया। साथ ही शाखा को व्यक्ति निर्माण का केंद्र, फिर उन्हीं व्यक्तियों के माध्यम से पंच परिवर्तन से अपना राष्ट्र परम वैभव को प्राप्त होगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दिलीप महतेल ने कहा कि संघ के 100 वर्ष होने पर संघ ने सेवा कार्यों के माध्यम से अपनी विशेष पहचान बनाई है मंच पर बरही संघ चालक डॉक्टर जिनेंद्र द्विवेदी भी मौजूद रहे। स्वयंसेवकों ने विजयदशमी उत्सव के अवसर पर गुणवत्तापूर्ण संचलन किया। जो शासकीय हायर सेकंडरी विद्यालय से प्रारंभ होकर सेंट्रल बैंक होते हुए राम मंदिर सरस्वती विद्यालय के सामने से मुख्य बाजार होते हुए वापस कार्यक्रम स्थल पर समाप्त हुआ। बरही नगर की मातृशक्ति और प्रबुद्ध जनों ने पथ संचलन का पूरे मार्ग में स्वागत किया। कार्यक्रम में सह जिला कार्यवाह सिद्धार्थ सिंह बघेल, नगर कार्यवाह नीरज त्रिपाठी और काफी संख्या में स्वयंसेवक रहे। गौरतलब है कि शताब्दी वर्ष पर पूरे जिले में 136 स्थान पर कार्यक्रम किए जा रहे हैं। 12 अक्टूबर को कटनी नगर का संचलन और एकत्रीकरण का कार्यक्रम किया जाएगा।एक साथ तीन स्थान सेक्रेड हार्ट विद्यालय, निर्मल सत्या गार्डन और लाल परेड ग्राउंड से तीन बजे शुरू होकर फॉरेस्टर प्लेग्राउंड पर पहुंचेगी, जहां पथ संचालन का समापन होगा।
संस्कारित मनुष्य ही रचेगा राष्ट्र वैभव की गाथा: संघ का लक्ष्य प्रतिस्पर्धा नहीं, विश्व में भारत के सत्य और योगदान का गौरव बढ़ाना












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