जनमत हिन्दी। कटनी के झिंझरी स्थित दद्दा धाम में प्राचीन नागर शिला मंदिर की शैली पर बने परमपूज्य गुरुदेव पं. देवप्रभाकर शास्त्री दद्दाजी के नवनिर्मित मंदिर में वैदिक अनुष्ठानों और पंचरात्र आगम शास्त्रों द्वारा दद्दाजी जी के विग्रह की तीन दिनों के प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम में आज दूसरे दिन पंडित पूरनलाल शास्त्री एवं पंडित कालिका प्रसाद पांडे के निर्देशन में देशभर से आए 31 आचार्यों ने वैदिक मंत्र और शंखध्वनि के साथ भारत की सात पवित्र नदियों के लाए गए जल से जलाभिषेक कराया गया इसके पश्चात चंदन का लेप लगाने के बाद वस्त्र से पोछने के पश्चात पगड़ी एवं अंगौछा धारण कराते हुए गुरु शिष्यों संजय पाठक, आशुतोष राणा, डॉ.अनिल त्रिपाठी, डॉ. सुनील त्रिपाठी, पंडित नीरज त्रिपाठी, यश पाठक ने देव विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा में राजभोग अर्पण किया इस दौरान आचार्यों द्वारा विशेष पूजा-अर्चना, हवन और वैदिक मंत्रों की ध्वनि चारों दिशाओं में गुंजायमान रही,आचार्यों और संतों का स्वर, शंखध्वनि ने अध्यात्म का माहौल बना दिया. कल ब्राह्ममहूर्त में पुनः प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम प्रारंभ होगा ।
मंदिर के शिखर पर 15 फीट ऊंचे पीतल के दंड पर धर्म ध्वजा को आज फैहराया गया इसके पूर्व दंड एवं ध्वज का वैदिक रीति से शिष्य मंडल की ओर से यजमान के रूप में संजय पाठक ने पूजन किया ।
इसके पूर्व सुबह से ही पंडाल में हजारों की संख्या में उपस्थित धर्मप्रेमी जनता द्वारा लाखों की संख्या में पार्थिव शिवलिंग का निर्माण किया गया दोपहर में आचार्यों द्वारा विधिविधान से रुद्राभिषेक कराया गया ।
दद्दाधाम में बने विशाल पंडाल में देश के महान एवं प्रसिद्ध कथावाचक श्री इंद्रेश जी महाराज एवं अनिरुद्धाचार्य महाराज द्वारा अमृतमयी कथा कही जाएगी। यह अमृतमयी कथा 11 नवम्बर से 13 नवम्बर तक चलेगी। अमृतमयी कथा के आयोजन पर निकाली शोभायात्रा एवं कथा वाचक के तौर पर पहुंचे वृंदावन के प्रसिद्ध कथा वाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज का स्थान स्थान पर स्वागत फूलों एवं आरती उतार कर किया गया शोभा यात्रा में हजारों की संख्या में धर्मप्रेमी शामिल रहे। इसके पूर्व अनिरुद्धाचार्य महाराज ने दद्दाजी की समाधी स्थल पर पहुंचकर दद्दाजी को महान संत बताते हुए आशीर्वाद प्राप्त किया।
इस दौरान दिनभर संगीतमय भजन-संध्या का आयोजन भी हुआ, जिसमें भक्ति रस की धारा बहती रही। दद्दा धाम में चल रहा यह महोत्सव प्रतिदिन आस्था का नया अध्याय रच रहा है, और श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या इस आयोजन की दिव्यता का प्रमाण बन रही है।
वैदिक मंत्र और जलाभिषेक से पूरा हुआ प्राण प्रतिष्ठा का दूसरा चरण: मंदिर के शिखर पर लहराएगी 15 फीट ऊंची धर्म ध्वजा, अमृतमयी कथा के आयोजन पर निकाली शोभायात्रा












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