सीसीटीवी फुटेज दिखाए पुलिस: करणी सेना और क्षत्रिय महासभा ने की निष्पक्ष कार्रवाई की मांग, बाकल थाने में हमले का मामला

जनमत हिन्दी। जिले के बाकल थाना क्षेत्र निवासी कुणाल राजपूत के साथ दो युवकों द्वारा की गई बेरहमी से मारपीट के बाद से उपजा बवाल रूकने का नाम नहीं ले रहा  है, दिन में हुए चक्काजाम प्रदर्शन और रात में थाने में हमला कर पुलिस कर्मियों से मारपीट के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है। करणी सेना के पदाधिकारियों ने शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर घटना वाली रात का बाकल थाने के अंदर सीसीटीवी फुटेज दिखाने की मांग करते हुए पुलिस कर्मियों से मारपीट करने के आरोपों पर ही सवाल खड़े कर दिए  हैं। पदाधिकारियों ने आरोप लगाया है कि थाने में करणी सेना के पांच सदस्यों के साथ बेरहमी से मारपीट की गई और सुबह चार बजे छोड़ा गया। यह आरोप भी लगाया है कि महिला पुलिस अधिकारी के पति द्वारा भी मारपीट की गई है, करणी सेना के पदाधिकारयिों ने कहा कि किसी महिला पुलिस अधिकारी का पति ने किस अधिकार के तहत मारपीट की है, ऐसा किया गया है तो महिला पुलिस अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए,  नहीं तो करणी सेना उग्र आंदोलन करेगी।
शुक्रवार को राजपूत करणी सेना के संभाग अध्यक्ष अरूण प्रताप सिंह ने पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि करणी सेना के पांच लोगों के साथ थाने में मारपीट की गई। उन्होने महिला पुलिस अधिकारी के पति पर मारपीट करने का आरोप लगाया है। साथ ही पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर पारदर्शाी कार्रवाई करने की मांग की है। राजपूत करणी सेना के संभाग अध्यक्ष अरूण प्रताप सिंह ने बताया कि पुलिस अधीक्षक द्वारा निष्पक्ष कार्रवाई करने का आश्वासन दिया गया है।  राजपूत करणी सेना के संभाग अध्यक्ष ने बाकल थाना प्रभारी पर कार्रवाई की मांग भी की है। साथ ही घटना वाली रात का सीसीटीवी कैमरे की फुटेज दिखाने की मांग की है। वहीं अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के जिला अध्यक्ष अनिल सिंह सेंगर ने बाकल थाने में हुई घटना की निष्पक्ष जांच और सीसीटीवी फुटेज को तत्काल जप्त करने की मांग की है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में प्रदेश के गृहमंत्री, पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक सहित पुलिस अधीक्षक पत्र भेजकर बाकल थाने के अंदर और बाहर लगे सभी सीसीटीवी कैमरों के फुटेज तत्काल जप्त कर सुरक्षित रखने और निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि 24 घंटे से अधिक समय बीत गया है, लेकिन अब तक थाने के सीसीटीवी फुटेज जप्त नहीं किए गए हैं। इससे साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ या फुटेज नष्ट होने की आशंका बन जाती है। पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सीसीटीवी फुटेज का जप्त होना आवश्ययक है।

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