जनमत हिन्दी। कोतवाली थाना अंतर्गत क्षेत्र में डिजिटल अरेस्ट कर ठगी का प्रयास करने का मामला सामने आया है। डिजीटल अरेस्ट का शिकार आजाद चौक निवासी डॉ हजारीलाल गुप्ता उनकी पत्नी को बनाया गया। हालांकि डिजीटल अरेस्ट करने वाले ठग अपने ठगी के उद्देश्य में सफल नहीं हुए। डॉक्टर के बेटे की सूझबूझ और जागरूकता ने अपने पिता को डिजीटल अरेस्ट किए जाने वाले फ्रॉड से बचा लिया। डॉक्टर और उनकी पत्नी करीब डेढ़ घंटे तक डिजीटल अरेस्ट रहीं। जानकारी के अनुसार डॉ. गुप्ता के मोबाइल पर नंबर 6913516533 से कॉल आया। कॉल करने वाले ने अपना नाम इंस्पेक्टर कुशल सिंह बताते हुए कहा कि वे ट्रस्ट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी दिल्ली से बोल रहे हैं।
उन्होंने दावा किया कि कुछ दिन पहले हुए बम विस्फोट में पकड़े गए आरोपी डॉ. अमर अल्वी के ठिकाने से जो 140 संदिग्धों की सूची मिली है, उसमें डॉ. गुप्ता का भी नाम है। उन्होंने कहा आपके नाम की सिम का आतंकियों ने दुरुपयोग किया है। यह सिम मुंबई बांद्रा की एक दुकान से खरीदी गई है। यदि आप सहयोग नहीं करेंगे तो आपको जेल जाना पड़ेगा। इसके बाद ठग ने उनका पूरा पता, परिवार में कौन-कौन हैं, यह जानकारी लेकर तत्काल कमरे में बंद होने का दबाव बनाया। कुछ ही मिनट बाद डॉक्टर को नंबर 9332893852 से वीडियो कॉल आया।
कॉल पर मौजूद व्यक्ति ने स्वयं को वरिष्ठ अधिकारी बताया और कहा कि उन्हें बचाने के लिए एनआईसी से सुरक्षा प्रमाणपत्र बनाना होगा, जिसके लिए उनके बैंक खातों और आधार कार्ड की जानकारी आवश्यक है। डर में डॉक्टर ने एक बैंक खाते में 10 लाख रुपए होने की जानकारी दे दी, आधार कार्ड का विवरण भी साझा कर दिया। इसके बाद ठग उनके मोबाइल पर आने वाले ओटीपी मांगने लगे, ताकि रकम निकाल सकें। इसी दौरान डॉक्टर के बेटे का फोन आया। बातचीत के दौरान बेटे ने मां की घबराहट को महसूस किया और तत्काल कटनी में रहने वाले अपने परिचित अभय त्रिसोलिया और अन्य दोस्तों को घर भेजा। लोग जब घर पहुंचे तो दरवाजा अंदर से बंद था। बहुत देर तक आवाज देने और दरवाजा पीटने के बाद डॉ. गुप्ता ने दरवाजा खोला।
अभय त्रिसोलिया ने तत्काल डॉक्टर के हाथ से फोन लेकर कॉल बंद किया और मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया। बेटे की समझदारी से लाखों की संभावित साइबर लूट की वारदात होने से बच गई। घटना के बाद डॉक्टर दंपत्ति गहन सदमे में हैं। उन्होंने पूरी घटना की लिखित शिकायत साइबर सेल में दर्ज कराई। सुरक्षा के तौर पर सभी बैंक खातों को भी लॉक करा दिया गया है। इस हाई-प्रोफाइल डिजिटल अरेस्ट मामले ने कटनी शहर, खासकर चिकित्सक समुदाय में चिंता बढ़ा दी है। साइबर अपराधियों द्वारा नई-नई तकनीकों से लोगों को फंसाने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। ऐसा होने पर कॉल को तत्काल डिस्कनेक्ट कर साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज करानी चाहिए।












Leave a Reply