जनमत हिन्दी। गृहस्थ संत परम पूज्य गुरुदेव, अनंत विभूषित पंडित देव प्रभाकर शास्त्री दद्दा जी की कृपा से गुरु परिवार की पावन उपस्थिति में पार्थिव शिवलिंग निर्माण, महारुद्राभिषेक, अमृतमयी कथा और भक्ति संगीत के स्वर गूजेंगे। आयोजन के अवसर पर प्रतिदिन सुबह 8 बजे से असंख्य पार्थिव शिवलिंग निर्माण का शुभारंभ होगा। दोपहर 12 बजे से महारुद्राभिषेक, भंडारा और महाप्रसाद का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद 11 से 13 नवम्बर तक प्रतिदिन शाम 4 बजे से हरि इच्छा तक कथा व्यास के रूप में पूज्य पंडित इंद्रेश उपाध्याय महाराज अपने श्रीमुख से भक्तों को शिवतत्त्व और सनातन धर्म की महिमा से अवगत कराएंगे। जानकारी के अनुसार 11 नवंबर को शुभ मुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इस अवसर पर देश के प्रसिद्ध संतजनों का सान्निध्य प्राप्त होगा। 11 और 12 नवम्बर को पंडित अनिरुद्ध आचार्य जी महाराज के सानिध्य में भक्ति सत्संग सुबह 10 बजे से होगा। 12 नवम्बर को पंडित मोहित मराल गोस्वामी जी महाराज, 12 नवम्बर को ही पंडित पुंडरीक गोस्वामी जी, रेणुका जी, संत लाल दास साईं जी चक्कर भाटा छत्तीसगढ़ धाम पधारेंगे और अपने पवित्र विचारों से श्रद्धालुओं को आलोकित करेंगे। महोत्सव के अंतर्गत देश के ख्यातनाम भजन गायक भक्तिरस की अविरल धारा प्रवाहित करेंगे। 11 नवम्बर को कन्हैया मित्तल जी की भक्ति संध्या, 12 नवम्बर को चित्र विचित्र जी महाराज की शाम को मधुर प्रस्तुति, 13 नवम्बर को निकुंज कामरा, आरुपी गंभीर जी, भक्त भगवान प्रभु जी और बृज रास अनु रानी पूर्णिमा की भव्य संगीतमय संध्या से धाम गूंज उठेगा। इन संध्याओं में भक्तगण भक्ति, संगीत और भावनाओं के संगम का अद्भुत अनुभव प्राप्त करेंगे। आयोजन की पूरी व्यवस्था दद्दा जी मंदिर निर्माण समिति, श्रीकृष्ण वृद्ध आश्रम समिति और दद्दा जी शिष्य मंडल द्वारा की जा रही है। वरिष्ठ गुरुभाई संजय सत्येन्द्र पाठक, दद्दा जी शिष्य मंडल ने सभी श्रद्धालु भक्तों से सपरिवार पधारकर इस उत्सव में सहभागी बनकर पुण्यलाभ प्राप्त करने के लिए कहा है। शिवलिंग निर्माण से लेकर कथा, अभिषेक और भजन संध्या तक का यह आयोजन न केवल भक्तों के लिए पुण्य का पर्व होगा, बल्कि धर्म, संस्कृति और सेवा के समरस भाव का प्रतीक भी बनेगा।
भजनों की धुन से गूंजेगा दद्दा धाम: पार्थिव शिवलिंग निर्माण, महारुद्राभिषेक, कथा का होगा आयोजन, देशभर के संतों का होगा संगम












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